Intercropping in rubber plantation रबर बगीचा के बीच में अंत फसल
Rubber is planted at a wide spacing and hence sufficient land and light are available in the inter-row areas during the initial years for intercropping. Selection of intercrop should be made based on terrain of the land, light availability in the plantation and marketability.
Guidelines for intercropping
Intercrops should be selected based on the slope of the land. On level and near-level lands (slope < 5%), any intercrop can be cultivated. In the slope range of 5 25%, intererops which require less soil disturbance should be selected. In steep slopes (> 25%) intercropping should be avoided and cover crops should be established. Tillage operations should be restricted to minimum while intercropping. 2. During the first two years any annual or short- term crop can be cultivated. From third year, light availability in the interspaces decreases and hence partially shade tolerant crops may be cultivated. If paired row planting system is adopted, intercrops can be cultivated throughout the gestation period. 3. Intercrops should be planted at least 1.5 m away from the base of rubber plant and this distance should be maintained during later years also. 4. Manures and fertilizers should be applied separately to rubber and intercrops. For manuring intercrops, the recommendations given by the Agricultural Department should be followed. 5. The residues of intererops should be retained in the field itself.
रबर खेत मैं अंतवर्ती फसल
कोई भी कृषि मूल खेत का उत्पादन ना घटाकर दूसरे एक फसल अंतवर्ती स्थानों को इस्तेमाल करके आय के रास्ता को खोलना ही अंतवर्ती फसल का मुख्य उदेश्य है ! रबर खेत मैं काफ़ी दुरी पर रबर पौधे को लगाया जाता है ! समतल क्षेत्रों मैं 15 फुट या 16 फुट दुरी पर और पहाड़ क्षेत्रों मैं 22×11 फुट की दुरी पर पौधे को रुपण किया जाता है ! प्रथम अबस्था मैं इस खाली जगहों मैं(रबर पौधे के बीज) सूर्य की किरण गिरते है, इसलिए इस स्थानों पर अंतवर्ती फसल करना काफ़ी अच्छा होता है ! रबर खेत की अपरिपक्क कल 7 साल होता है! लेकिन गरीब किसानों को इस दौरान कोई दूसरा आय की पथ नहीं होने की बजह से बहुत मुश्किल हो सकता है ! इसीलिए इस दौरान अंतवर्ती खेत करना बोहोत ही जरुरी होता है !
अंतवर्ती खेत की सुबिधाएँ
• सूर्य की किरण : कोई भी खेत के लिए सूर्य की किरण अत्यन्त आबस्यक उपादान है ! पहली अबस्था से लेकर तीन साल तक रबर खेत के बीज काफ़ी धुप स्थान होता है ! परीक्षा से पाया गया है की रबर बागीसा की अंतवर्ती स्थानों मैं पहली बर्ष 97%, द्वितीय बर्ष 76% और तितीय बर्ष मैं 43% सूर्य की किरण पाया जाता है ! दूसरी और सप्तम बर्ष मैं ये धीरे धीरे घटकर 7% तक कम हो जाता है ! इसलिए पहली तीन साल अंतवर्ती खेत के लिए बोहोत ही फायदेमन है !
• रिक्त स्थान : रबर बागीसा के बीज काफ़ी खाली जगह होता है ! यहाँ पहले ही बताया गया कि रबर पौधे को काफ़ी दुरी पर लगाया जाता है, इसलिए कोई भी कम दिन मैं होनेवाला फसल की खेत लगा सकता है!
• संरक्षित स्थान : रबर खेत का स्थानों को बांस या कांटा टार के द्वारा दिवार देकर संरक्षित किया जाता है, इसलिए यहाँ आसानी से कोई भी खेत कर सकता है और गाय-बकरी से भी सुरक्षित रहते है!
• देख भाल करना :अंतवर्ती खेत करने की बजह से किसानों को बागीसा मैं आना पड़ता है, जिससे रबर बागीसा भी साफ सूत्रा बना रहता है और साथ मैं उसी श्रम के जरिये कुछ आय भी हो जाता है!
• सु-बृद्धि : इस बात का प्रमाणित होवा है कि कुछ निर्वाचित फसल का खेत करने से रबर पेड़ों कि सु-बृद्धि मैं सहायक होता है! उदाहरण स्वरुप केला खेत करने से मिट्टी मैं जैवीक पदार्थ का बृद्धि होकर उर्बरता बढ़ता है! माह जाट कि फसल कि खेत से मिट्टी मैं नाइट्रोजन की परिमाण बढ़ती है!
• छाया स्थानों मैं होनेवाला फसल : बहुत ऐसे दवा कि फसल है, जिसको सूर्य कि किरण कम जरूरत होता है और छाया मैं होता है! तीन साल के बाद कम किरणों मैं होनेवाला खेत के लिए उत्तम स्थान है!
अंतवर्ती खेत की असुबिधायेंँ
• ऊँचा खड़ा पहाड़ पर अंतवर्ती खेत करने से मिट्टी मैं होनेवाला खनन कार्य के लिए भूमि स्खलन होने कि आशंका रहता है!
• कोई कोई फसल ने जंगल की जानवरों को आकर्षित करता है, जैसे केला खेत से हाथी को बुलावा सकता है!
• अंतरवर्ती फसल रबर पेड़ों के लिए रोग का कारक भी बन सकता है!
• मिट्टी से खाद-पानी के लिए मूल फसल(रबर) का साथ प्रतियोगिता भी हो सकता है !
कैसा फसल निर्वाचित करें और कुछ जरुरी बिषय
1. निर्वाचित किये जाने वाला अंतवर्ती फसल कम दिन मैं(तीन साल) ही परिणाम मिलने वाला, जंगल के जानवरों को आकर्षित न करने वाला और आसानी से बाजार मैं बिक्री होने वाला होना चाहिए!
2. मिट्टी कि ढलान, फसल निर्वाचित मैं ध्यान देनेवाला एक अत्यंत जरुरी बिषय है! साधारणत समतल जमीन या थोड़ा ऊँचा ढलान मिट्टी (5% ढलान) ज्यादातर अंतवर्ती फसल के लिए उपोयोगी है! यदि ढलान 5-25% कि अंतर्गत है तो कुछ निर्वाचित फसल ही कर सकते है और 25% से उपर कि ढलान, खड़ा पहाड़ पर कोई भी अंतवर्ती फसल करना उचित नहीं है!
3. अंतवर्ती फसलों को रबर पौधे से कमसे कम 1.5 मीटर दुरी पर लगाया जाना चाहिए, नहीं तो खाद-पानी के लिए प्रतियोगिता हो सकता है !
4. रबर पेड़ और अंतवर्ती फसल मैं अलग से खाद प्रयोग करना चाहिए !
5. अंतवर्ती फसल का साथ ही थोड़ा सा आवरण फसल भी करना चाहिए नहीं तो आवरण फसल से होनेवाला लाभ से रुकावट बन सकता है!
सामन्य रूप से करनेवाला कुछ अंतवर्ती फसल :
केला खेत : केला एक लाभदायी खेत और इसका बाजार अच्छा है! पहली तीन साल मैं रबर बागीसा के बीज केला का खेत कर सकता है अगर उस क्षेत्रों मैं जंगली हाथी की वास नहीं है तो ! प्रथम बर्ष मैं प्रति हैक्टर मैं 1200 केला का पौधा लगा सकता है ! इसे द्वितीय बर्ष मैं घटाकर 600 करके और तितीय बर्ष मैं 450 पौधे ही खाली रखना चाहिए!
अनानास का खेत : अनानास का खेत रबर बागीसा के बीज बोहोत ही लोकप्रिय है! प्रति हैक्टर मैं 13500 अनानास का अंकुर लगा सकता है!
अदरक और हल्दी का खेत : समान मिट्टी या थोड़ा झुकाव मिट्टी मैं ही अदरक और हल्दी का खेत करना चाहिए क्यूंकि इसके लिए मिट्टी को खोदन पड़ता है, जिससे भूमि स्खलन होने का सम्भब रहता है! इस खेत के लिए काफ़ी जैवीक खाद का जरूरत होता है!
सब्जियाँ का खेत : बार्षिक अस्थायी खेत जैसे कोमोरा, मरिसा, भिन्डी, केरला आदि पहली दो साल मैं कर सकते है !लेकिन लहि का खेत नहीं करें क्यूंकि इससे पाउडरी मिल्डयु रोग का संक्रमक हो सकता है ! सिमलु आलू भी नहीं लगाना चाहिए क्यूंकि इससे भी सोहा को आकर्षित करता है !
दवा का खेत : रबर बागीसा मैं तीन साल के बाद छा होता है क्यूंकि रबर पेड़ का पट्टा- डाली बड़ा होने लगता है, इसलिए छां को सहन कर सकने वाला कुछ ओसधि का खेत कर सकता है, जैसे स्ट्रोबिलान्थस हैनीअनुस, आड़थोड़ा वसीका आदि का प्रजाति रबर खेत के बीज कर सकते है! इलाइसि का खेत भी इस दौरान सर सकते है, क्यूंकि इसमें भी कम छाया का जरुरत होता है ! बाजार मैं आसानी से बिक्री होनेवाला प्रजाति का ही निर्वाचन करें इस खेत के लिए!
साधारण तोर पर अंतवर्ती फसल का अबस्यकता और व्यावसायिक तोर पर गौर करें तो ये क्षुद्र किसानों के लिए ही लाभदायी है, क्यूंकि अपना श्रम के द्वारा उपलब्ध सुबिधा से अपरिपक्क के दौरान प्रथम हिस्सा मैं कुछ आय कर सकते है और बागीसा का देख भाल करना भी आसान होता है ! लेकिन बड़े किसानों को इस खेत के लिए ज्यादा मजदूर कि अबस्यकता होगा और रबर खेत मैं होनेवाला घास-जंगल को नियंत्रण तथा मिट्टी का उर्वरता बृद्धि के लिए आवरण फसल ही ज्यादा बेहतर होता है! लेकिन कभी कभी देखा जाता है कि क्षुद्र किसान अंतवर्ती फसल को तीन साल के बाद भी रख देता है, जिसके फलस्वरूप रबर पेड़ का बृद्धि मैं रुकावट होता है ! सामान्य आय के लिए ऐसी कार्य करना उचित नहीं है ! हमारे उत्तर-पूर्व मैं ज्यादातर पहाड़ क्षेत्रों ही है, इसलिए अंतवर्ती फसल का निर्वाचन सावधानी से करें !
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to be continued...
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