Sunday, May 9, 2021

Controlled upward tapping

Controlled upaward tapping


Controlled upward tapping(CUT) is a proven harvesting practice to achieve sustainable high yield for long term from old and senile trees. It can be practised from renewed panel stage onwards on the virgin bark above the basal panel. The combination of Low Frequency Tapping with CUT from renewed panel stage can increase the economic life of trees up to 40 to 45 years. In general 30-50% higher yield can be obtained for many years under CUT. CUT can be adopted under the following situations: 1. Low yield from the renewed bark. 2. Renewed bark is not suitable for tapping because of irregular growth, diseases or panel dryness. For prolonging economic life of trees after the completion of BI-2 panel (D panel). For simultaneous tapping of both basal and high panels (intensive tapping for one or two years) while in BI-1 and BI-2 stage. For CUT, the tapping cut is opened on the virgin bark just above the renewed bark of the basal panel. If CUT is to be initiated during the first/ second year of tapping on BI-1 (C) panel, the CUT panel should be taken above BO-2 (B) panel. The normal recommended CUT practice in India is periodic panel changing, i.e., basal panel tapping (S/2) with rainguard during rainy season, and CUT (S/4) on high panel during non- rainy season. The length of tapping cut can be quarter spiral irrespective of the girth of tree and its slope should be 45°. Normally one panel can  be tapped for two years under continuous tapping or four years under periodic panel changing. Thus the duration of CUT can be 8-16 years under S/4 d3 cut. When the frequency is d4, cach S/4 cut can be tapped for 5 years (5 x 4 = 20 years CUT). However, under weekly tapping, the length of tapping cut for CUT should be S/3, and each S/3 cut can be tapped for seven years (7 x 3 = 21 years CUT). Since the tapping frequency is weekly (d7), thickness of bark shaving should be 2.5mm/tap, but monthly bark consumption is only 1cm. Tapping on the upper cut should be done with maximum control on bark consumption (as per Table 10) and maintenance of the angle of cut (45°). Injury to cambium should be avoided. For CUT, good quality modified long-handled gouge knife must be used so that the tapper can stand on the ground and tap on the high panel. Other advantages of the knife are reduction in spillage due to a curved tapping cut surface (in spite of the tapping cut being inverted), ease in minimizing bark consumption and eliminating injury to cambium. The recommended length of the handle is 120 cm for tapping up to height of 160 cm from bud union, and 180 cm handle for tapping beyond that height. While tapping, active knife movements are made by the right hand and left hand only guides the knife. The left hand should not be raised above the shoulder height and right hand above the elbow during tapping. It is essential to undergo 2-3 hours training for 3-5 days in proper use of modified gouge knife. Bark above the CUT panel (above 2m) can be utilized for intensive tapping for 2-3 years before felling the trees.

                                                             Controlled upward tapping

नियंत्रित उद्धमुखी टापिंग

नियंत्रित उद्धमुखी टापिंग का मतलब है ऊपर में नियंत्रित हिसाव से टापिंग करना | जब ABCD पैनल काट कर ख़तम हो जायेगा तब साधारण रूप से CUT शुरू कर सकते है | LFT और CUT जब नया छाल में एक साथ करते है तब रबर का अर्थनीति जीवन को 40-45 सालों तक बड़ा सकता है | CUT से करीबन 30-50% तक उत्पादन मिल सकता है | ABCD पैनल बिना ख़तम होवे भी CUT कर सकता है | किन परिस्थिति में, CUT कर सकते है उसका पूरा विस्तित नीचे दी गयी है:
1. नया छाल से कम उत्पादन
2. नया छाल अच्छा से विकास नहीं हुवा, कोई बीमारी या टापिंग पैनल सुख गयी हो इत्यादि बजह से नया छाल टापिंग के लिए उपायुक्त नहीं है|
3. रबर का आर्थिक जीवन को बढ़ाने के लिए BI-2 पैनल(D पैनल) टापिंग पूरा होने के बाद
4. एक साथ नीचे और ऊपर पैनल को टापिंग के लिए जब C और D पैनल पर टापिंग होता है
CUT काट साधारण टापिंग पैनल का ऊपर यानि कुमारी छाल में किया जाता है | CUT का मार्किंग 45° स्लोप में लिया जाता है | C- पैनल पड़ टापिंग हो रहा हो तो इस अबस्था में अगर CUT करना है तो CUT का मार्किंग D पैनल की और लेना है | CUT काट में पेड़ को चार भाग(S4) करते है, जबकि साधारण टापिंग में दो भाग(S2) होते है |
CUT टापिंग कुमारी छाल में नविकीट छाल के टापिंग चैनल का ठीक ऊपर में मार्किंग किया जाता है |  ABCD पूरा पैनल अगर टापिंग कर के ख़तम हो गए तो CUT मार्किंग को  C- पैनल की और मार्किंग करना चाहिए | C पैनल पर अगर टापिंग हो रहा हो तो CUT मार्किंग BO-2 (B) पैनल की और करना चाहिए | इसका मतलब जिस साइड में टापिंग हो रहे होते है, उसका बिपरीत दिशा की और CUT करना चाहिए | CUT में वर्षा रोधक लगाना मुश्किक्ल है इसलिए नार्मल टापिंग को वर्षारोधक के साथ वारिस का मौसम में टापिंग करें और वर्षा जाने पर CUT कर सकते है | नार्मल टापिंग का मार्किंग में जैसे पेड़ को बराबर दो भाग (S/2) किया जाता है लेकिन CUT में पेड़ को 4 भागों में(S/4) बांटा जाता है | इसका स्लोप 45° में लेना है | साधारण रूप से दैनिक टापिंग करें तो एक पैनल में दो साल टापिंग कर सकते है, इसका मतलब चार पैनल में 8 साल उत्पादन मिलेगा | टापिंग अगर S/4 d3 में करें तो एक पैनल में  चार साल तक कर सकते है, सम्पूर्ण 16 साल तक उत्पादन मिलेगा | S/4 d4 में एक पैनल में पांच साल तक उत्पादन मिलता है | हलाकि S/3 d7 में भी टापिंग कर सकते है, और एक पैनल में 7 साल टापिंग कार्यकाल मिलेंगे | S/3 के लिए आप थोड़ा मध्यम साइज का पेड़ को ले सकते है | S/3 में हप्ते में एक बार काटने से एक पैनल में 7 साल तक उत्पादन मिलेगा, इसका मतलब तीन पैनल में 7×3=21 साल उत्पादन मिलेंगे | इस टापिंग पद्धति में चमरा काटने का मोटाई 2.5 मिली.मी होना चाहिए यानि साधारण टापिंग के साथ एक ही है |लेकिन महीना में एक बार टापिंग होने से 1 सेंटीमीटर करके चमरा को काट सकते है | cut को सरबूत्तम नियंत्रण से साथ किया जाता है | टापिंग के दौरान जितना हो सके कैंबियम को आघाट से बचाना चाहिए | "गौज" नाम की एक चाकू की मदद से टापिंग किया जाता है | चाकू का लम्बाई 120 सेंटीमीटर होता है और बड यूनियन से 160 सेंटीमीटर तक टापिंग कर सकता है |CUT दायी हाथ से नियंत्रण होता है और बाई हाथ खाली सपोर्ट के लिए है | टापिंग के दौरान दायी हाथ से ही चाकु को संचालन करना चाहिए और वाई हाथ खाली चाकू का दिशानिर्देश का कम करेगा | तीन से पांच दिन 2-3 घंटा CUT का अभ्यास करना चाहिए | CUT ख़तम होने के बाद इंटेंसिव टापिंग कर सकते है | CUT मैं बर्षारोधक का प्रयोग करना मुश्किल है इसलिए बारिस का मौसम मैं बेसल पैनल मैं टापिंग करें और विंटर सीजन मैं हाई पैनल का टापिंग करना चाहिए CUT का एक पैनल ख़तम होने के बाद अगला CUT का शुरू पैनल का डायना साइड मैं करना चाहिए |CUT मैं 5% उद्दीपक लेस एप्लीकेशन करके प्रयोग कर सकता है | उच्चा उत्पादन वाला रबर जाट मैं महीने मैं एक बार उद्दीपक करने से प्रयाप्त है, और मध्य उत्पादन वाला रबर जाट मैं तीन हप्ते मैं एक बार उद्दीपक चाहिए होगा | CUT और सप्ताह मैं एक दिन काटने से सर्दी मौसम मैं भी उद्दीपक प्रयोग कर सकता है लेकिन ज्यादा सुखपन मैं प्रयोग ना करें तो बेहतर है | अगर ज्यादा उत्पादन CUT पैनल से मिल रहा है तो उद्दीपक का जरुरत नहीं है |चार हिस्सों मैं बाटने वाला टापिंग का रोज काटनेवाला छाल का परिमान साधारण टापिंग यानि हाफ स्पाइरल टापिंग का साथ एक ही है | 

Intensive tapping 

साधारण तोर पर इंटेंसिव टापिंग बुड्ढा पेड़ पर किया जाता है पेड़ को काटने से कुछ साल पहले | CUT का पूरा पैनल काटकर ख़तम होने के बाद जहा पर अच्छा छाल होता है वहा उद्दीपक लगाकर टापिंग कर सकते है| इंटेंसिव टापिंग से हमें दो साल उत्पादन मिल जाता है |

High level tapping or Ledder tapping 




जब नवीकृत छाल मैं उत्पादन अच्छा नहीं होता है तब नया पैनल शुरू करके टापिंग कर सकते है, लेकिन इसका उच्चता बुड यूनियन से 2 मीटर ऊपर से लेना चाहिए |इस टापिंग के लिए एक लम्बा हैंडल वाला (ledder) चाकू चाहिए | इस टापिंग मैं समय का नुकसान होता है और टापिंग टास्क भी कम (150-180 trees) है |हलाकि इस टापिंग का आजकल प्रयोग नहीं होता है |